Bank Manager Kaise Bane: आज के समय में बहुत सारे लोग सिर्फ सरकारी नौकरी के लिए ही तैयारी करते हैं। वैसे तो भारत में कई सरकारी नौकरी के विभाग है लेकिन अधिकांश युवा वर्ग बैंक में ही नौकरी करना पसंद करता है। बैंक में सबसे बड़ा पद बैंक मैनेजर का होता है। जो की बैंक से संबंधित सारे कार्यों को पूरा करता है।
आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से युवा वर्ग को बैंक में बैंक मैनेजर के पद पर आसीन होने के लिए क्या-क्या योग्यता तथा क्या-क्या आवश्यकता होती है उसके बारे में बताएंगे कि बैंक मैनेजर बनने के लिए छात्र के पास उच्चतम शिक्षा ,वित्तीय ज्ञान , प्रशासनिक क्षमता और ग्राहक सेवा में निपुणता की आवश्यकता होती है।
बैंक मैनेजर की योग्यता – Bank Manager Kaise Bane
शिक्षा
- बैंक मैनेजर के लिए एमबीए ,पीजीडीएम का होना अनिवार्य है।
- बैंक मैनेजर पद के लिए उम्मीदवारों को सरकारी बैंकों में आयोजित आईबीपीएस की परीक्षा उत्तीर्ण करना जरूरी होता है।
- इसके लिए छात्रों के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से अभियांत्रिकी, वित्तीय प्रबंधन व्यापार या किसी अन्य विषय में स्नातक में 60% अंक का होना जरूरी होता है। ,
वित्तीय ज्ञान
- एक बैंक मैनेजर को वित्तीय ज्ञान के बारे में संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए।
- उसको बैंकिंग उद्योग के नियम , बैंक कार्रवाई , लोन विवरण ,वित्तीय और वित्तीय प्रबंधन के बारे में वृहद ज्ञान होना चाहिए।
प्रशासनिक क्षमता
- बैंक मैनेजर को उच्च स्तर की प्रशासनिक क्षमता का ज्ञान होना चाहिए।
- आईबीपीएस की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उम्मीदवार को इंटरव्यू में पास करना पड़ता है। इसके बाद ही उम्मीदवार बैंक मैनेजर बन सकता है।
सरकारी बैंक में मैनेजर कैसे बने ?
उम्मीदवार को सरकारी बैंक में मैनेजर बनने के लिए सर्वप्रथम आईबीपीसी ( IBPS )की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी , आईबीपीसी का अर्थ होता है इंस्टिट्यूट ऑफ़ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन। आईबीपीएस की पीओ परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उम्मीदवार देश के लगभग सभी सरकारी बैंक में जॉब अप्लाई करने के लिए क्षमतावान हो जाता है।
यहां भी प्रक्रिया वही होती है उम्मीदवार को सर्वप्रथम पीओ तथा प्रमोशन के बाद बैंक मैनेजर की पद प्राप्त होती है। कुछ बैंक ( एसबीआई या आईडीबीआई ) बैंक में सरकारी नौकरी पाने के लिए अलग-अलग परीक्षा का आयोजन होता है।
प्राइवेट बैंक में मैनेजर कैसे बने ?
प्राइवेट बैंक में नौकरी पाने के लिए सर्वप्रथम उम्मीदवार को पीओ यानी की प्रोविजनरी ऑफिसर की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है। जो मुख्यतः पहले से कार्य कर रहे बैंक कर्मचारियों के बीच में होता है।
वहीं प्राइवेट बैंक में कर्मचारियों के जब आवश्यकता होती है तभी वह पीओ की परीक्षा लेते हैं। PO की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद प्राइवेट बैंक वहीं से उन्हें मैनेजर की नियुक्ति देता है।
बैंक मैनेजर की सैलरी
उम्मीदवार की नियुक्ति यदि किसी गवर्नमेंट बैंक में पीओ अधिकारी के रूप में होती है तो उनकी बेसिक सैलरी 24000 रुपए तक होती है। प्रमोशन होने के बाद यदि वही उम्मीदवार बैंक मैनेजर बन जाते हैं तो उनके मासिक सैलरी 30000 से 85000 के बीच होती है।
बैंक मैनेजर का काम
किसी भी बैंक में मैनेजर पद पर आसीन उम्मीदवार का मुख्य कार्य बैंक की शाखा का मार्केटिंग ट्रेनिंग और बैंक शाखा से सारे जुड़े कार्यों का निर्णय लेना है।यदि दूसरे शब्दों में कहे तो बैंक मैनेजर शाखा का मुखिया होता है जो कि पूरे शाखा के बैंकिंग कार्यों पर निगाह रखता है।
- बैंक मैनेजर ग्राहकों के लिए आकर्षक प्रोजेक्ट और सेवाओं का विकास करता है और उन्हें बढ़ावा देता है।
- बैंक मैनेजर वहां कार्य कर रहे लोगों को वहां के नियमों को समझाता है तथा उनका लीड करता है।
- बैंक मैनेजर बैंक के रिकॉर्ड तथा स्टेटमेंट को मेंटेन करवाता है।
- बैंक मैनेजर अपनी रणनीति और नियमों को विकसित कर बैंक को सफलता की दिशा में अग्रसर करता है।
- बैंक मैनेजर ग्राहकों को अपने यहां पर सभी वित्तीय स्कीम को समझा कर अपने तथा ग्राहकों के बीच संबंध बनाता है।
- बैंक मैनेजर का यह भी कार्य होता है कि बैंक में हुए दिन भर के लेनदेन का हिसाब रखें।
- बैंक मैनेजर वार्षिक परिचालन तथा बजट निर्धारित करता है।
ऊपर के आर्टिकल में यह बताया गया है कि उम्मीदवार को बैंक में मैनेजर बनने से पहले पो की पद प्राप्त करनी होती है। जहां प्रमोशन के आधार पर उन्हें बैंक मैनेजर की नियुक्ति प्राप्त होती है। संभवत यह आर्टिकल बैंक मैनेजर बनने के लिए उम्मीदवार को सार्थक सिद्ध होगी।
बैंक मैनेजर बनने के लिए तैयारी
किसी भी उम्मीद पर को बैंक मैनेजर बनने के लिए निम्न स्टेप को पूरा करना पड़ता है:
बैंक मैनेजर बनने के प्रथम स्टेप में उम्मीदवार को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन करना अनिवार्य होता है। साथ ही उम्मीदवार को कंप्यूटर का विशेष ज्ञान होना चाहिए क्योंकि आजकल हर क्षेत्र में कंप्यूटर का होना अनिवार्य होता है।
दूसरे स्टेप में उम्मीदवार को बैंक में मैनेजर बनने के लिए बैंक परीक्षा ( पीओ )की तैयारी करनी पड़ती है। जिसमें उम्मीदवार को गणित सामान्य ज्ञान मनोविज्ञान और वित्तीय ज्ञान की पढ़ाई करनी पड़ती हैं।
परीक्षा दो चरणों में होती है। पहले चरण में जनरल नॉलेज , जीएस , करंट अफेयर्स ,जनरल इंग्लिश , गणित विषय के साथ 100 प्रश्नों का लिखित परीक्षा होता है जिनकी समय अवधि 1 घंटे की होती है। दूसरे पेपर में वही सब्जेक्ट होता है , परंतु प्रश्न थोड़ा कठिन हो जाता है।
तीसरे स्टेप में उम्मीदवार जब PO की परीक्षा पास कर लेता है तो उसे इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। इंटरव्यू के पास करते ही उम्मीदवार को PO की ट्रेनिंग दी जाती है। जिसमें उन्हें बैंक से संबंधित सभी चीजों के बारे में जानकारी दी जाती है। ट्रेनिंग समाप्त होने के पश्चात उन्हें पीओ की नौकरी प्राप्त होती है।
चौथा स्टेप में अगर उम्मीदवार ने बैंक पीओ की नियुक्ति के बाद अच्छा प्रदर्शन किया तो उसका प्रमोशन कर अस्सिटेंट मैनेजर बना दिया जाता है। जहां तीन-चार साल अगर उसने पुनः अच्छा प्रदर्शन दिया तो उसका प्रमोशन कर बैंक मैनेजर का पद प्राप्त हो जाता है।
बैंक मैनेजर बनने के लिए उम्मीदवार को सर्वप्रथम यह निर्णय लेना होगा कि उसे सरकारी बैंक में मैनेजर बना है या प्राइवेट क्योंकि दोनों की प्रक्रिया अलग-अलग होती है। जहां सरकारी बैंक में मैनेजर बनने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है वही सैलरी भी ज्यादा मिलती है।
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