10th के बाद Engineer Kaise Bane: दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करते ही विद्यार्थियों के मन में अपने भविष्य तथा करियर के प्रति काफी जागरूकता आ जाती है। 11वीं की कक्षा में एडमिशन लेने के साथ ही वे साइंस साइट तथा आर्ट साइड के बीच में चुनाव करते हैं।
जिन छात्रों को डॉक्टर तथा इंजीनियर बनने की इच्छा होती है वह साइंस की तरफ अपना रुझान जागृत करते हैं। साथ ही साथ जिन छात्रों को इंजीनियर बनने की इच्छा होती है उनके पास दसवीं पास करने के बाद से ही कई रास्ते खुल जाते हैं।
वहीं अगर हम इंजीनियर की बात करें तो इंजीनियर वह व्यक्ति होता है जो नई-नई चीजों का आविष्कार करता है, तथा बेहतरीन तरीके से डिजाइन बनने की भी क्षमता रखता है। आज के समय में ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जहां इंजीनियरिंग किए व्यक्ति की जरूरत ना पड़ती हो। यदि सामान्य रूप से हम कहें तो हमारी रोजमर्रा की जिंदगी से लेकर व्यावसायिक क्षेत्र तक में हर जगह सफलता पाने के लिए इनका विशेष योगदान है।
10th के बाद Engineer Kaise Bane?
दसवीं पास करने के बाद भी डिप्लोमा की डिग्री लेकर छात्र इंजीनियर बन सकते हैं। डिप्लोमा करने के लिए छात्रों को पॉलिटेक्निक कॉलेज में एडमिशन लेना होता है। 3 साल का पॉलिटेक्निक कोर्स करने के बाद कई सरकारी कंपनियां भी आवेदक को जूनियर इंजीनियर की पदों पर भरती करता है, दसवीं तथा 12वीं की कक्षा पास करने के बाद डिप्लोमा कर नौकरी पाने का यह एक काफी अच्छा अवसर होता है।
भारत के कई राज्यों में सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज है। जहां छात्रों का दाखिला एंट्रेंस के आधार पर होता है। जहां सभी टेक्निकल कोर्स ऑल इंडिया काउंसलिंग आफ टेक्निकल एजुकेशन के द्वारा कराए जाते हैं। जहां छात्र कम फीस तथा कम समय में अच्छे कोर्स को कर सकता है।
पॉलिटेक्निक में दाखिला लेने के लिए छात्रों का दसवीं कक्षा में कम से कम 50% अंक होने चाहिए तथा 12वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्र तथा आईटीआई उत्तीर्ण छात्र भी इस एंट्रेंस में आवेदन कर सकते हैं।
पॉलिटेक्निक में विभिन्न प्रकार के कोर्स होते हैं।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग,सिविल इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग,कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग,अप्लाइड इंजीनियरिंग, कंप्यूटर एप्लीकेशन इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस तथा प्लास्टिक एंड पॉलीमर इंजीनियरिंग, पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग,केमिकल इंजीनियरिंग,
पॉलिटेक्निक कॉलेज से हम फैशन डिजाइन,टेक्सटाइल डिजाइनिंग इंजीनियरिंग,मास कम्युनिकेशन इंटीरियर डिजाइनिंग,होटल मैनेजमेंट कोर्स भी कर सकते हैं।
पॉलिटेक्निक में उम्र सीमा
पॉलिटेक्निक कॉलेज में दाखिला लेने के लिए छात्र को दसवीं कक्षा पास करने के साथ-साथ उसकी उच्चतम उम्र 21 वर्ष तथा यदि छात्र ने 12वीं पास किया है तो उनकी उम्र 24 साल होनी चाहिए।
पॉलिटेक्निक के लिए योग्यता
पॉलिटेक्निक में दाखिला लेने के लिए छात्रों के पास दसवीं कक्षा उत्तीर्ण होने के साथ-साथ साइंस तथा मैथ्स में विशेष ज्ञान होना चाहिए।
पॉलिटेक्निक में दाखिला लेने के लिए मुख्य रूप से फॉर्म अप्रैल के महीने में उपलब्ध होते हैं।
साथ ही सी ई टी का एग्जाम जून के महीने में संपन्न होता है।
पॉलिटेक्निक के लिए परीक्षा की प्रक्रिया
पॉलिटेक्निक की परीक्षा में समानता 150 प्रश्न पूछे जाते हैं,सभी प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप के होते हैं। जहां छात्र को यदि दसवीं कक्षा की साइंस तथा मैथ्स का विशेष ज्ञान होगा उसे यह प्रतीक्षा उत्तीर्ण करने से कोई नहीं रोक सकता।
वैसे तो पॉलिटेक्निक करने के बाद भी छात्रों को इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अच्छे अवसर प्राप्त होते हैं परंतु यदि 1 साल का कोर्स और कर लिया जाए तो पॉलिटेक्निक पास छात्र बीटेक की डिग्री प्राप्त कर लेता है, और उनके लिए अवसर और खुल जाते हैं।
वही पॉलिटेक्निक पास छात्रों को 25,000 से 30,000 की सैलरी मिलती है l बीटेक के माध्यम से इंजीनियर बनते ही सैलरी में भी काफी इजाफा होता है।
10th के बाद बने सॉफ्टवेयर इंजीनियर
Software Engineer Kaise Bane – दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद छात्रों के पास सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के भी कई अवसर होते हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने से पहले हमें यह जानना काफी जरूरी है कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर होते कौन है और उनका कार्य क्या होता है ?
सॉफ्टवेयर की परिभाषा: अगर हम सामान्य शब्दों में कहे तो सॉफ्टवेयर एक प्रकार का प्रोग्राम होता है जो कि किसी विशेष कार्य को करने के लिए बनाया जाता है जिसमें कोड, डेटा, इंटरफेस आदि होता है। जिसको कंप्यूटर हार्डवेयर के द्वारा चलाया जाता है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर कौन होते हैं ?
वही सॉफ्टवेयर इंजीनियर वह व्यक्ति होता है जिसको प्रोग्रामिंग आती है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर कोडिंग के माध्यम से सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन बना सकता है। साथ ही उसमें आई किसी खराबी को भी ठीक कर सकता है, लैपटॉप तथा मोबाइल में नए-नए सॉफ्टवेयर, एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के ही माध्यम से बनाए जाते हैं।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर के लिए योग्यता
दसवीं पास छात्रों को सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए 3 साल का पॉलिटेक्निक कोर्स करना पड़ता है जिसमें माध्यम कंप्यूटर साइंस होना चाहिए।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए सर्वप्रथम दसवीं कक्षा अच्छे नंबरों से उत्तीर्ण होना चाहिए साथ ही एक एंट्रेंस को भी क्लियर करना चाहिए।
भारत में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के कई अच्छे-अच्छे कॉलेज है, जिनमें कई सरकारी तथा प्राइवेट कॉलेज है।
अगर हम सरकारी कॉलेज की बात करें तो वह निम्न है,
- दिल्ली स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
- कानपुर इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
- प्रयागराज इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
- बनारस इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
- रुड़की इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
- खड़कपुर इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
- मुंबई इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
- गुवाहाटी इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
- इंदौर इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
वहीं प्राइवेट कॉलेज निम्न है,
- शारदा यूनिवर्सिटी नोएडा
- लाल नेहरु इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी प्रयागराज
- जी एल यूनिवर्सिटी मथुरा
- देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर
सॉफ्टवेयर इंजीनियर की फीस
वैसे तो सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग करने के लिए हमें काफी फीस अदा करनी पड़ती है परंतु अगर हम तुलना करें तो सरकारी कॉलेज की फीस प्राइवेट कॉलेज की अपेक्षा काफी कम होती है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी
वहीं अगर हम प्रतिमाह सैलेरी की बात करें तो सॉफ्टवेयर इंजीनियर शुरुआत में 10 से 20000 की ही सैलरी प्राप्त करते हैं परंतु अनुभव बढ़ाते के साथ ही कई बार लाख से 2 लाख तक के सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की भी सैलरी देखी गई है।
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उपरोक्त जानकारी संभवत दसवीं पास छात्रों के लिए काफी कारगर सिद्ध होगी। जिन्हें दसवीं पास करते ही अच्छे करियर या सरकारी नौकरी के लिए इंजीनियरिंग की परीक्षा उत्तीर्ण करना होता है, समाज में एक सम्मानित स्थान पाना होता है।